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   इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों द्वारा की जा रही जनता की सेवा सराहनीय है - सर्वानंद सोनेवाल, आयुष मंत्री भारत सरकार  
इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद जयपुर के तत्वावधान में विश्व इलेक्ट्रोपैथी दिवस पर आयोजित इलेक्ट्रोपैथी वेबीनार में देशभर के इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक शामिल हुए। इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्वानंद सोनेवाल जी ने कहा कि इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक जो कार्य कर रहे हैं वह सराहना योग्य है। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री भी भिन्न भिन्न प्रचलित चिकित्सा पद्धतियों का विकास चाहते हैं तथा उनका मानना है कि मॉडर्न मेडिसिन तथा आयुष पद्धतियां मिलकर लोगों के स्वास्थ्य रक्षण एवं पोषण का काम करें। आयुष मंत्रालय इस कार्य में निरंतर सक्रिय है एवं देश तथा दुनिया में हमारे प्रयत्न के कारण आज आयुष को स्वीकारा जा रहा है। आयुष मंत्री जी ने कहा कि मुझे यह जानकर प्रसन्नता है कि इलेक्ट्रोपैथी से लंबे समय से चिकित्सा की जा रही है एवं लोग इससे लाभान्वित हो रहे हैं। राजस्थान में यह पद्धति मान्यता प्राप्त है हम केंद्र में भी इसके लिए प्रयत्न करेंगे। कार्यक्रम में अध्यक्षता कर रहे जयपुर के सांसद श्री रामचरण जी बोहरा ने कहा की कोरोना काल में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों ने इस पद्धति के द्वारा हजारों लोगों को सुरक्षित पर किया एवं उपचार भी किया। आपने विश मंत्री जी से राजस्थान की तरह केंद्र में इस पद्धति को मान्यता देने का निवेदन किया और यह भी कहा कि ऐसा करने से जनता को सरल और सस्ती चिकित्सा पद्धति का लाभ मिलेगा। राजसमंद सांसद दिया कुमारी जी ने अपना विचार रखते हुए बताया कि इलेक्ट्रोपैथी पूरी तरह से हर्बल होने के कारण सुरक्षित , सरल एवं उपयोगी है। हमें लोक स्वास्थ्य के लिए ऐसी पद्धतियों को बढ़ावा देना चाहिए। मैं संसद में भी इसके विषय को रखूंगी। आपने कहा मेरे संसदीय क्षेत्र में भी इसके प्रचार-प्रसार के कार्य करने का हम प्रयत्न करेंगे। कार्यक्रम में बोलते हुए इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष हेमंत सेठिया ने इलेक्ट्रोपैथी दवाओं पर हो रहे रिसर्च कार्य पर प्रकाश डाला। श्री सेठिया ने बताया कि इस पद्धति का प्रभाव सभी प्रकार के रोगों पर हैं। राजस्थान में इस पद्धति की विकास यात्रा पर भी प्रकाश डाला गया। मीडिया प्रभारी जितेंद्र खंडेलवाल ने बताया कि कार्यक्रम का संचालन श्वेता जैन ने किया। इस कार्यक्रम में प्रताप भानु सिंह शेखावत ,गोविंद लाल सैनी एवं लूनेश मालवीय सहित अनेक इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक उपस्थित रहे। वेदांत सेठिया के द्वारा इस कार्यक्रम में इलेक्ट्रोपैथी पर डॉक्यूमेंट्री प्रस्तुत की गई।
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   परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों के साथ इलेक्ट्रोपैथी को बढ़ावा देने की जरूरत - कलराज मिश्र माननीय राज्यपाल, राजस्थान  
इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद राजस्थान द्वारा आयोजित कोविड-19 इलेक्ट्रोपैथी वेबीनार में बोलते हुए माननीय राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा]कि वर्तमान समय में इस प्रकार के वेबीनार आयोजित करना बहुत उपयोगी है। इलेक्ट्रोपैथी एक हर्बल चिकित्सा है। यह पद्धति जटिल रोगों में कारगर हो रही है। कोरोना काल में इस पद्धति से बचाव जागरण एवं उपचार के लिए किए गए कार्य अत्यंत प्रशंसनीय है। इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों द्वारा इम्युनिटी बढ़ाने हेतु हजारों लोगों पर किया गया अध्ययन भी इस पद्धति के विकास में जहां सहायक सिद्ध होगा, वहीं पर इस रोग से लड़ने में अपनी अहम भूमिका निभाएगा। राज्य व केंद्र सरकार इस पद्धति के विकास में सहयोगी बने ऐसा प्रयत्न सभी को करना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल ने कोरोना एवं वैक्सीन के संबंध में भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि इस लड़ाई में आयुष पद्धतियों को भी शामिल किया है। मेघवाल ने कहा कि इलेक्ट्रोपैथी की गुणवत्ता इसलिए सुनिश्चित है क्योंकि इसमें दवा का आधार केवल औषधीय पौधों का रस है और इस प्रकार से चिकित्सा करना हमारी पुरातन परंपरा रही है। कोरोना से बचाव एवं उपचार में इस पद्धति से किए गए कार्यों के बारे में जानकारी ऐसे कार्यक्रमों के द्वारा सभी के बीच में जानी चाहिए क्योंकि यह पद्धति भी इस रोग से लड़ने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। भारत सरकार ऐसी पद्धतियों के विकास की समर्थक है । राजस्थान की तरह केंद्र में भी कानून बनाने हेतु केंद्र सरकार ने आईसीएमआर के अंतर्गत एक इंटर डिपार्टमेंटल कमेटी बनाई हुई है जो इसके सकारात्मक अध्ययन में लगी हुई है। जयपुर के सांसद श्री रामचरण बोहरा ने बताया कि इस पद्धति की आवश्यकता इसलिए है कि हमको सरल सस्ती एवं सुरक्षित चिकित्सा गांव-गांव तक पहुंचानी है।श्री बोहरा ने बताया कि लोकसभा में भी मैंने इस विषय को उठाया है और आगे भी केंद्र में इसकी स्वीकार्यता हो इसके ऊपर हम सब मिलकर काम करेंगे। इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों द्वारा किया गया कार्य सराहनीय है। इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष हेमंत सेठिया ने जानकारी दी कि कोरोना से बचाव हेतु इम्युनिटी बढ़ाने वाली दो दवाई स्क्रोफोलोसो (एस-1) एवं वर्मीफुगो (वर -1) दवाई राज्य भर में 26,396 व्यक्तियों को पिलाई गई जिनमें मात्र दो को कोरोना हुआ एवं 60-65 व्यक्तियों को सर्दी जुखाम हुआ । अन्य सभी आज स्वस्थ हैं एवं कोरोना से सुरक्षित हैं। श्री सेठिया ने बताया कि 400 से अधिक रोगियों को इलेक्ट्रोपैथी दवाओं के उपचार से कोरोना पॉजिटिव से कोरोना नेगेटिव किया गया है । यह अपने आप में भविष्य की संभावनाओं का अच्छा संकेत है। सेठिया ने मांग की कि राज्य में इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड गठन का कार्य सरकार द्वारा शीघ्र संपादित किया जाए ताकि इस पद्धति का विकास एवं अनुसंधान तेजी से हो सके।
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   सतत प्रयत्न से होगा इलेक्ट्रोपैथी का बोर्ड गठन - गोपाल सिंह शेखावत, अध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड राजस्थान सरकार  
इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक सम्मेलन एवं वेबसाइट लोकार्पण कार्यक्रम में बोलते हुए वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री गोपाल सिंह जी शेखावत ने कहा कि इलेक्ट्रोपैथी अच्छी पद्धति साबित हो सकती है बशर्ते कि इसका विकास किया जाए। शेखावत ने कहा कि मैंने मेरे विश्वविद्यालय जीवन के समय होम्योपैथी के लोगों को भी संघर्ष करते हुए देखा है। श्री राम शास्त्री का उदाहरण देते हुए आपने कहा कि जब होम्योपैथी को कोई नहीं जानता था तब वह लोगों के पास जा जाकर इस पद्धति के बारे में चर्चा करते थे। और आज होम्योपैथी सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था का हिस्सा है। इसी प्रकार का संघर्ष आप लोगों को करने की आवश्यकता है। आप सब के अथक परिश्रम से राजस्थान में इस पद्धति का बोर्ड बन जाना अपने आप में एक उपलब्धि है अब तो केवल बोर्ड गठन होने के साथ इस पद्धति के विकास एवं जनता के लाभार्थ प्रस्तुत होने का मार्ग प्रशस्त होना है। श्री शेखावत ने इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड गठन के लिए निरंतर एवं सही दिशा में प्रयत्नशील रहने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार स्वास्थ्य विषय को लेकर संवेदनशील है। मेरे स्तर पर भी मैं इलेक्ट्रोपैथी विकास हेतु पूर्ण सहयोग दूंगा। इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद की नवीन वेबसाइट का लोकार्पण करते हुए आपने कहा कि परिषद द्वारा वेबसाइट के माध्यम से इस पद्धति के संबंध में सारी जानकारियां उपलब्ध करवाना बहुत ही श्रेष्ठ एवं उपयोगी सिद्ध होगा। आपके द्वारा हर्बल लाइफ इलेक्ट्रोपैथी पाक्षिक पत्रिका द्वारा प्रकाशित इलेक्ट्रोपैथी रिसर्च विशेषांक एवं कोविड काल में माननीय राज्यपाल महोदय के साथ हुए वेबीनार पर प्रकाशित विशेषांक का भी विमोचन किया गया।
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   इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा परिषद द्वारा राजस्थान के प्रत्येक जिले में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों का किया जाएगा सर्वे   
जयपुर के होटल नीलम में संपन्न परिषद की वार्षिक बैठक में उपस्थित राज्य भर के प्रमुख इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों के साथ राजस्थान में प्रत्येक जिले में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों के सर्वे करने की व्यापक योजना बनी है। इस कार्य के लिए राज्य भर के 150 से अधिक इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक एक माह तक अपना सक्रिय योगदान देंगे। परिषद के अध्यक्ष महोदय द्वारा इस कार्य हेतु एक सर्वे परिपत्र भी जारी किया गया। 31 मार्च तक सर्वे के आधार पर प्राप्त डाटा को संकलित कर एक संपूर्ण रिपोर्ट बनाते हुए सरकार को प्रस्तुत की जाएगी। इस कार्य के प्रमुख की कमान सभी जिला सचिव को सौंपी गई है।
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   इलेक्ट्रोपैथी के वास्तविक तथ्यों के प्रचार हेतु करेंगे व्यापक संपर्क,राजस्थान के 500 से अधिक विशेष महानुभावो से किया जाएगा संपर्क  
चिकित्सा, स्वास्थ्य, रिसर्च ,विज्ञान तथा कार्यपालिका एवं विधायिका के क्षेत्र में सक्रिय श्रेष्ठ एवं प्रमुख महानुभाव से संपर्क की योजना बनाई गई है। इन सभी महानुभावों से इलेक्ट्रोपैथी के वर्तमान डेवलपमेंट एवं इसकी उपयोगिता तथा राजस्थान में बने एक्ट एवं बोर्ड गठन होने के संबंध में चर्चा होगी साथ ही इलेक्ट्रोपैथी की वैज्ञानिकता को प्रदर्शित करने वाला इलेक्ट्रोपैथी रिसर्च विशेषांक एवं अन्य इलेक्ट्रोपैथी साहित्य इन महानुभावों को भेंट किया जाएगा। इस कार्य हेतु राजस्थान के 31 स्थानों पर पांच - पांच चिकित्सकों की टोलियां बनाकर कार्य किए जाने की योजना बनी है। परिषद के सचिव गोविंद लाल सैनी में ने जानकारी दी कि इस कार्य के लिए प्रत्येक जिला सचिव को जिम्मेदारी दी गई है तथा हर जिले में इस कार्य का अलग से प्रमुख बनाया गया है। पूरे प्रदेश में इस कार्य के प्रमुख परिषद के नव निर्वाचित उपाध्यक्ष इलेक्ट्रोपैथी डॉ लूनेश मालवीय रहेंगे।
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   इलैक्ट्रोपैथी पद्धति का है प्राकृतिक, वानस्पतिक, औषधीय आधार, इन दवाओं कोई साइड इफेक्ट नहीं : बिरला   
इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा परिषद की ओर से दो दिवसीय उदर रोग एवं इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा सेमीनार का समापन यूआईटी आडिटोरिय, कोटा में सोमवार को हुआ। इस दौरान सरकार से इस पद्धति को सरकारी सेवा में शामिल किए जाने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई गई। इससे पूर्व प्रथम दिन रात तक चले कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला रहे। उन्होंने सम्बोधित करते हुए कहा कि इलेक्ट्रोपैथी पद्धति काफी प्राचीन है। उन्होंने कहा कि यह पद्धति प्राकृतिक, वनस्पति, औषधीय आधार पर बनी हुई हैं, जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। आज भी लोग डॉक्टर के पास जाते हैं तो ये ध्यान रखते हैं कि कहीं इसका कोई साइड इफेक्ट तो नहीं है ? जबकि इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक के पास जाते समय रोगी के मन में ऐसी शंका नहीं रहती। इलेक्ट्रोहोम्योपैथी पद्धती भारतीय चिकित्सा पद्धति के अनुसार निर्मित है। इसके इनोवेशन, रिसर्च के परिणाम सभी के लिए लाभकारी होंगे। बिरला ने कहा कि यह पद्धति आगे बढे यही शुभकामनाएं हैं।
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   EHDIGESEMI-2023 SEMINAR DIGESTIVE DISORDERS   
इलेक्ट्रोपैथी की भव्य प्रदर्शनी का उद्घाटन केशवरायपाटन की विधायिका श्रीमती चंद्रकांता मेघवाल ने इलेक्ट्रोपैथी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी में इलेक्ट्रोपैथी का उद्भव, विश्व में इसका प्रसार, इस पद्धति की विशेषताएं , इस पद्धति में उपयोग होने वाले औषधीय पौधों की जानकारी, देश और दुनिया की विभिन्न रिसर्च जनरल में प्रकाशित इलेक्ट्रोपैथी के रिसर्च, इस पद्धति के संबंध में कानून के पक्ष एवं राजस्थान राज्य में इस पद्धति के एक्ट बनने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले महानुभावों के संबंध में जानकारियां दी गई। उद्घाटन अवसर पर श्रीमती मेघवाल ने कहा कि राज्य सरकार को इस पद्धति के बोर्ड का शीघ्र गठन करना चाहिए ताकि जनता की लाभार्थ इस चिकित्सा पद्धति का विकास किया जा सके। श्रीमती मेघवाल ने कहा कि मैं बजट सत्र में इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड गठन के मुद्दे को फिर से उठाऊंगी।
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   EHDIGESEMI-2023 SEMINAR DIGESTIVE DISORDERS   
उद्घाटन कार्यक्रम में बोलते हुए लाडपुरा विधायक महारानी कल्पना देवी ने कहा कि इस कार्यक्रम का निमंत्रण देने आए कोटा के इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों से इस पद्धति की पहली बार मुझे जानकारी मिली। मैंने अपने परिवार के सदस्यों से भी इस पद्धति के बारे में जानना चाहा लेकिन किसी को भी इस चिकित्सा पद्धति की जानकारी नहीं थी। कल्पना देवी ने कहा कि आप लोगों को इस पद्धति को और तेजी से बढ़ाने का कार्य करना चाहिए। डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से एवं सेठिया जी के द्वारा रखी गई प्रस्तावना तथा अन्य चिकित्सकों से चर्चा करते हुए मुझे इस पद्धति की अच्छाइयों को जानकर बहुत अच्छा लगा है मैंने अभी-अभी एक पेशेंट को कोटा के इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक को रेफर कर दिया है। मैंने मेरा काम प्रारंभ कर दिया है इसके प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए अग्रसर होंगे ऐसी मेरी शुभेच्छा है। विधायक होने के नाते राज्य सरकार में इस विषय को और आगे ले जाने के लिए मैं अपने प्रयत्न जरूर करूंगी। इसका एक्ट बनने के बाद बोर्ड के माध्यम से उसे आगे बढ़ाने की प्रक्रिया में जो रुकावट आ रखी है वह हम सब मिलकर अवश्य दूर करेंगे। महारानी कल्पना देवी ने लोकसभा के अध्यक्ष श्री बिरला जी के साथ इलेक्ट्रोपैथी प्रदर्शनी का उद्घाटन एवं अवलोकन करते हुए इस पद्धति की अनेक जानकारियां प्राप्त की।
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इलैक्ट्रोपैथी एवं काउंट सीजर मैटी जीवन चरित्र पर देशभर से आमंत्रित की गई रचनाओं का कोटा सेमीनार में हुआ सम्मान इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा परिषद द्वारा कोटा सेमीनार में इलेक्ट्रोपैथी या काउंट सीजर मैटी पर लिखी गई कविताओं एवं गीतो के लिए प्रथम द्वितीय एवं तृतीय आने वाली रचनाओं को प्रशस्ति पत्र एवं नगद पुरस्कारों से पुरस्कृत किया गया। प्रथम पुरस्कार - इलैक्ट्रोपैथी न अपनाओं रोगा न दूर भगाओं - इ.डॉ। रूपनारायण आमेरा, जयपुर द्वितीय पुरस्कार - मैटी जी के जीवन गाथा गाता हूँ - इ.डॉ। बाबू सिंह, अलवर तृतीय पुरस्कार - सम्पूर्ण जगत में इलैक्ट्रोपैथी दोश रहित सर्वाेत्तम है - इ.डॉ.दीप सिंह, कोटा सांत्वना पुरस्कार प्राप्त करने वाले रचनाकार । मनीष चंद बघेल - आगरा, आरसी मौर्य- अहमदाबाद, सविता कश्यप- अजमेर, उमेश कुमार- बिहार, रमेश सैनी - जयपुर, लुनेश मालवीय - जयपुर, फिजा खान - कोटा, आंसमा खान - कोटा, संस्कृति सिंह - कोटा, बैरिस्टर सिंह - कोटा, के.के। वैष्णव - सवाईमाधोपुर, सुगन सिंह - जयपुर, संजय शर्मा - जयपुर, मनीष शर्मा - जयपुर, नेहा चंडालिया - उज्जैन, जी.पी। राजकुमार - कोटा, राकेश वर्मा - अलवर, कमलकांत नायक - उड़ीसा, बी.नाथ - यूपी, फिरोज अहमद - कोटा, एम.डी.असलम - बिहार, देवराज पुरोहित - किषनगढ़, पवन माहेष्वरी - किषनगढ़, रमेष प्रजापति - गुरूग्राम, उमेष कुमार - बिहार, अरविन्द मोहन - बिहार, राखी अवस्थी रहे।
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एक ही रोग पर 30 पेशेंट की केस स्टडी सबमिट करने वाले राजस्थान सहित 5 राज्यों के 10 चिकित्सकों को इलेक्ट्रोपैथी गौरव सम्मान- 2023 से सम्मानित किया गया। इलेक्ट्रोपैथी एवं काउंट सीजर मैटी पर कविता एवं गीत लिखने वाले 34 रचनाकारों को भी रचनाकार पुरस्कार एवं नगद पुरस्कार के द्वारा सम्मानित किया गया। संरक्षक इडॉ। आर बी गुप्ता ने सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि आने वाले समय में इलेक्ट्रोपैथी ही लोगों को जटिल रोगों से छुटकारा दिलाएगी। राजस्थान सरकार को चाहिए की वह इस पद्धति को राजकीय सेवा में शामिल करें। मीडिया प्रभारी इलेक्ट्रोपैथी इडॉ। शादाब अहमद ने बताया कि राजस्थान सहित अनेक राज्यों के चिकित्सको ने सेमीनार में भाग लिया। राजस्थान के सभी जिलों में कार्यरत चिकित्सक इस सेमिनार में आए। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बंगाल, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा जम्मू एंड कश्मीर, छत्तीसगढ़ के इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक ने इस सेमिनार में भाग लिया। नेपाल से भी इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक इस सेमिनार में भाग लेने आए। इस अवसर पर इडॉ। लुनेश मालवीय, इडॉ। गोविंद लाल सैनी एवं सभी जिला सचिव भी उपस्थित रहे। इडॉ। महावीर बरदानिया, इडॉ। जीपी राजकुमार, इडॉ। एसपी मिश्रा, इडॉ। संजय गुप्ता, इडॉ। रामावतार, इडॉ। अदा खान भाटी, इडॉ। फिजा खान, इडॉ। सनोबर शेरवानी, दुर्गेश नागर, इडॉ। सलमा, इडॉ। दीपसिंह, इडॉ। सुरेन्द्र सिंह, इडॉ। शेलेन्दर पारेता, इडॉ। मुंशी प्रेमचन्द तथा वरिष्ठ चिकित्सक सुल्तान आबिद खान का इस सेमिनार को सफल करने में विशेष योगदान रहा।
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   मैं स्वयं इस पद्धति की औषधियों का लाभार्थी हूं, मेरा गॉलब्लैडर स्टोन इलेक्ट्रोपैथी दवाओं से ठीक हुआ : जगदीप धनखड, उपराष्ट्रपति   
विश्व इलेक्ट्रोपैथी दिवस के उपलक्ष्य में इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा परिषद, जयपुर के तत्वावधान में झालाना संस्थानिक क्षेत्र स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में 13वीं राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। ‘‘रीनल डिसऑर्डर्स एंड इलेक्ट्रोपैथी अप्रोच‘‘ विषय पर हुई इस सेमिनार के उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्रद्धेय श्री जगदीप धनखड़ थे, वहीं राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा अति विशिष्ट अतिथि और उप मुख्यमंत्री एवं आयुर्वेद मंत्री श्री प्रेमचंद बैरवा विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। इलेक्ट्रोेपैथी चिकित्सा को समर्पित इस राष्ट्रीय सेमिनार में माननीय उपराष्ट्रपति श्रद्धेय श्री जगदीप धनखड़ ने अपने उदबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपनी सरकार के अल्पकाल में ही अनेक अभूतपूर्व निर्णय लेकर प्रदेश को विकास की ओर अग्रसर किया है। श्री धनखड़ ने देश में पहली बार राजस्थान में इलेक्ट्रोपैथी एक्ट लागू किए जाने पर प्रकाश डालते हुए बताया कि डॉ हेमंत सेठिया दिल्ली आकर रात-रात भर मुझसे इलेक्ट्रोपैथी एक्ट के बारे में बात करते थे तथा यह कहते थे कि यह एक्ट कैसे बनेगा? इसके लिए श्री सेठिया अनेक वकीलों से सुप्रीम कोर्ट सहित अनेक कोर्ट के ऑर्डर पर चर्चा करते थे। सेठिया जी के इस कठिन परिश्रम और लगन का ही नतीजा है कि आज इलेक्ट्रोपैथी एक्ट बनाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया। इलेक्ट्रोपैथी पद्धति के बारे में चर्चा करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि इलेक्ट्रोपैथी नाम से आप भ्रमित ना हो इसमें किसी तरह का कोई बिजली का झटका नहीं होता बल्कि यह ऐसी औषधि है जो पौधों के अर्क से बनाई जाती है। उन्होंने अपने निजी अनुभव साझा करते हुए इलेक्ट्रोपैथी औषधी के प्रभाव के बारे में कहा कि मैं स्वयं इस पद्धति की औषधियों का लाभार्थी हूं। इस विषय में बोलते हुए धनकड ने कहा कि मेरे पेट में दर्द होने पर सोनोग्राफी में मेरे गॉलब्लैडर में स्टोन पाया गया। हेमंत सेठिया ने इलेक्ट्रोपैथी उपचार प्रारंभ किया। उपचार के बाद सोनोग्राफी करवाने पर स्टोन नहीं होने पर पुनः कलकता के डॉक्टरों को दिखाया गया तो डॉक्टरों ने भी आश्चर्य व्यक्त किया कि यह कैसे हो सकता है कि बिना ऑपरेशन के गॉलब्लैडर से यह स्टोन निकल गया। तभी से इस चिकित्सा पद्धति पर मेरा पूर्ण विश्वास है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत असीम संभावनाओं का देश है और एम्स जैसे चिकित्सा संस्थानों ने रिसर्च कर पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को आगे बढ़ाया है, जो एक गर्व की बात है। श्री जगदीप धनखड़ ने भारत को सम्पूर्ण संप्रभु, सांस्कृतिक देश बताने के साथ ही देश में आर्थिक राष्ट्रवाद विकसित कर प्राकृतिक संसाधनों के अपव्यय को रोककर स्थानीय उपयोग को बढ़ावा देने पर बल दिया।
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   हम गौरवान्वित हैं कि वर्ष 2018 में देश में पहली बार राजस्थान में इलेक्ट्रोपैथी एक्ट बना। आजादी के अमृतकाल में हम इसे आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं - भजनलाल शर्मा, मुख्यमंत्री   
सेमिनार के दौरान मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने इलेक्ट्रोपैथी के जनक काउंट सीजर मेटी को नमन करते हुए हुए कहा कि इलेक्ट्रोपैथी औषधियां विभिन्न रोगों में लाभकारी सिद्ध हुई हैं। हम गौरवान्वित हैं कि वर्ष 2018 में देश में पहली बार राजस्थान में इस पर एक्ट पारित किया गया। आयुष्मान भारत और मोदी जी के कार्यों की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत वैकल्पिक और पारंपरिक चिकित्सा का अग्रणी देश रहा है और आजादी के अमृतलाल में हम इसे आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने उपस्थित चिकित्सा विशेषज्ञों को आश्वस्त करते हुए कहा कि इलेक्ट्रोपैथी के लिए राजस्थान सरकार की ओर से जितना सहयोग आप चाहते हैं उससे ज्यादा सहयोग आपको मिलेगा तथा इस क्षेत्र में होने वाले रिसर्च में भरपूर सहयोग के लिए सरकार तत्पर रहेगी क्योंकि यह स्वास्थ्य का विषय है जो आम जन के हित के लिए है। उपमुख्यमंत्री एवं आयुर्वेद मंत्री श्री प्रेमचंद बैरवा ने इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया।
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   इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति की ज्ञानवर्धक एवं उपयोगी जानकारी इलेक्ट्रोपैथी प्रदर्शनी द्वारा प्रदान की जा रही है प्रेमचंद बैरवा उपमुख्यमंत्री, राजस्थान   
इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा परिषद की ओर से राष्ट्रीय इलेक्ट्रोपैथी दिवस के उपलक्ष में आयोजित की जा रही राष्ट्रीय सेमिनार की कड़ी में शुक्रवार को झालाना स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति पर आधारित प्रदर्शनी की शुरुआत हुई। प्रदर्शनी का उदघाटन राजस्थान के उपमुख्यमंत्री एवं आयुर्वेद मंत्री श्री प्रेम कुमार बैरवा और जयपुर सांसद श्री रामचरण बोहरा ने किया। इस अवसर पर सिविल लाइंस विधायक श्री गोपाल शर्मा तथा इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष हेमंत सेठिया विशेष रूप से उपस्थित थे। इस प्रदर्शनी में इलेक्ट्रोपैथी के उद्धव, विकास, दवाओं के परिणाम, वैज्ञानिक परीक्षण, रिसर्च पेपर, न्यायालय के मत, मान्यता के प्रयास, राजस्थान का एक्ट एवं इस पद्धति के विकास में सहायक लोगों सहित अनेक अच्छी जानकारियां को दर्शाया गया । रोग चिकित्सा सेगमेंट में प्रदर्शनी के द्वारा रोग उपचार में लाभकारी औषधीय की जानकारी दी गई है। इस पद्धति में उपयोग होने वाले औषधीय पौधों का भी विस्तारित परिचय के साथ प्रदर्शन किया गया। गाय के दूध में आने वाले ब्लड को रोकने के लिए इलेक्ट्रोपैथी दवा ब्लू इलेक्ट्रिसिटी के उपयोग के संबंध में प्रकाशित वेटरनरी जनरल का लेख यहां सभी को आकर्षित करता रहा।
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Current Events
 
 
   EHINFERSEMI-2022 इनफर्टिलिटी और इलेक्ट्रोपैथी सेमीनार संपन्न   
इलेक्ट्रोपैथी की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है। इलेक्ट्रोपैथी के नए आविष्कारों को चैलेंज के साथ सबके सामने रखें। इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड गठन की बात मैं सरकार मै रखूंगा। कोविड काल में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों द्वारा दी गई सेवाएं सराहनीय है। उदयपुर के प्रताप गौरव केंद्र स्थित कुंभा सभागार में इलेक्ट्रोपैथी सेमीनार का आयोजन किया गया। सेमीनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान के जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह जी मालवीया ने कहा कि रोगों के उपचार के लिए अन्य पद्धतियों की तरह इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति का भी अपना अहम योगदान है। हमारे वागड़ क्षेत्र में अनेक उपयोगी जड़ी बूटियां पाई जाती है इन पर भी और अधिक अनुसंधान होना चाहिए। राजस्थान के सर्वाधिक वन औषधि क्षेत्र वागड़ के कोटडा वन में पाए जाने वाले औषधीय पौधों के अध्ययन के लिए एक टीम बनाने का आपने सुझाव दिया। आगे आपने बाबा श्री रामदेव का उदाहरण देते हुए कहा कि इलेक्ट्रोपैथी के नए आविष्कारों को चैलेंज के साथ सरकार एवं जनता के सामने रखिए , आप द्वारा किए जा रहे परिश्रम के कारण यह पद्धति जल्द ही लोगों के बीच में प्रभावी होगी। क्योंकि आप लोगों ने अपना संपूर्ण जीवन इस पद्धति के विकास में लगा दिया है। राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं में हुए विस्तार के लिए मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देते हुए आपने कहा कि इलेक्ट्रोपैथी का एक्ट बन गया है, यह बहुत ही खुशी की बात है। इसके बोर्ड गठन के लिए मै प्रयास करूंगा। श्री मालवीय ने आगे कहा कि कोरोना काल में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों द्वारा की गई सेवाएं सराहनीय है। ग्रामीण अंचलों में सांप काटने पर जड़ी बूटियों से उपचार करने का उदाहरण देते हुए आपने कहा कि हमें हमारी पद्धति की सीमाओं को भी पहचानना होगा ताकि आवश्यकता हो तो रोग की गंभीरता से पूर्व अन्य उपलब्ध योग्य उपचार पेशेंट को मिल सके। कार्यक्रम के प्रारंभ में इलेक्ट्रोपैथी परिचय पर चलाई गई डॉक्यूमेंट्री की प्रशंसा करते हुए आपने कहां की इस प्रकार से इस पद्धति की जानकारी सरलता से लोगों के बीच में पहुंचाई जा सकती है। मंत्री महोदय ने इलेक्ट्रोपैथी डॉक्यूमेंट्री को काफी प्रभावी एवं जानकारी से परिपूर्ण बताया। अंत में सभी चिकित्सकों को शुभकामनाएं देते हुए इस पद्धति के विकास में लगे रहने का आह्वान किया।
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